यहां होली पर रंग नहीं, चलते हैं नुकीले हथियार
Source:
राजा रणविजय सिंह के समय गांव में अकाल मृत्यु और आपदाएं बढ़ गई थीं। तब तपस्वी संत बाबा गंगापुरी ने यह परंपरा शुरू करवाई, जिसके बाद से गांव में शांति बनी हुई है।
Source:
युवाओं के शरीर में लोहे की नुकीली वस्तुएं आर-पार कर दी जाती हैं, लेकिन बाबा की कृपा से उन्हें कोई चोट नहीं लगती।
Source:
युवक देवी-देवताओं की वेशभूषा में तख्त पर खड़े होते हैं, और यह जुलूस पूरे गांव में घुमाया जाता है, जो अंत में बाबा गंगापुरी की समाधि पर जाकर संपन्न होता है।
Source:
हर साल यह परंपरा पूरे हर्षोल्लास के साथ निभाई जाती है। प्रशासन भी इसमें सहयोग करता है, जिससे यह आयोजन सुरक्षित और सफल हो सके।
Source:
Thanks For Reading!
इन 4 तरीकों से करें पत्थरचट्टे का सेवन, पेट के रोग होंगे दूर
Find Out More
Find Out More
Opening
/webstories/health/इन-4-तरीकों-से-करें-पत्थरचट्टे-का-सेवन -पेट-के-रोग-होंगे-दूर/2219